पुणे पोर्श केस- ब्लड सैंपल बदलने वाले डॉक्टर सस्पेंड

पुणे पोर्श कार हादसे में नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोपी डॉक्टर अजय तावरे और श्रीहरि हलनोर को सस्पेंड कर दिया गया है।

पुणे पोर्श कार हादसे में नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोपी डॉक्टर अजय तावरे और श्रीहरि हलनोर को सस्पेंड कर दिया गया है। डॉ. तावरे ससून सिविल अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट का प्रमुख और डॉ. हलनोर चीफ मेडिकल ऑफिसर था। अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनकी जगह डॉ. चंद्रकांत म्हस्के को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

डॉ. चंद्रकांत पुणे के बारामती स्थित पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी सरकारी मेडिकल कॉलेज में डीन हैं। डॉ. तावरे, डॉ. हलनोर और एक स्टाफ अतुल घाटकांबले को 27 मई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों 30 मई तक पुलिस हिरासत में हैं। तीनों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को डस्टबिन में फेंककर किसी और के ब्लड सैंपल के आधार पर मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें शराब का अंश नहीं था।

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के एक लड़के ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। तीन सदस्यीय कमेटी ने ब्लड सैंपल में हेरफेर की जांच की
मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रीफ ने बुधवार 29 मई को बताया कि नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल में हेरफेर की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी।

कमेटी ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आधार पर डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है। जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सपले कमेटी की अध्यक्षता कर रही थीं। उनके अलावा ग्रांट मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. गजानन चव्हाण और छत्रपति संभाजी नगर सरकारी मेडिकल कॉलेज के स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर डॉ. सुधीर चौधरी इसके सदस्य थे। मंत्री मुश्रीफ ने माना- NCP विधायक ने डॉ तावरे की सिफारिश की थी


NCP (अजित गुट) के नेता मुश्रीफ ने यह भी माना है कि पार्टी विधायक सुनील टिंगरे के रिकमंडेशन लेटर के आधार पर डॉ तावरे की नियुक्ति की गई थी। मुश्रीफ ने कहा कि सुनील टिंगरे ने डॉ तावरे की नियुक्ति की सिफारिश की थी और मैंने इसकी मंजूरी दी। मुझे तावरे के पिछले आरोपों के बारे में नहीं पता था। जब सिफारिश की गई थी, तो डीन को उसके बारे में बताना चाहिए था। हालांकि, डीन डॉ विनायक काले ने दावा किया कि मंत्री मुश्रीफ के आदेश पर ही डॉ तावरे को मेडिकल सुपरिटेंडेंट का एडिशनल चार्ज दिया गया था। उन्होंने बस मंत्री के आदेश का पालन किया। डॉ तावरे ने ब्लड सैंपल बदलने का आइडिया दिया था


पुलिस ने मंगलवार 28 मई को बताया था कि आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने का आइडिया डॉ. तावरे का था। घटना के बाद 19 मई को नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और डॉ तावरे के बीच 14 बार फोन पर बातचीत हुई थी। विशाल ने अपने बेटे को बचाने के लिए डॉक्टर से मदद मांगी। पुलिस के मुताबिक, ब्लड सैंपल बदले जा सकते हैं, यह कोई और नहीं सोच सकता था। यह डॉ तावरे का ही आइडिया था। उसने आरोपी का ब्लड सैंपल किसी और से बदलवा दिया, ताकि जांच में शराब पीने की बात सामने न आए। ब्लड सैंपल बदलने के लिए डॉ. तावरे ने डॉ. हलनोर और घाटकांबले को 3 लाख रुपए दिए थे। डॉ. तावरे ने ये रुपए अपनी जेब से दिए या किसी और से लेकर दिए, इसकी जांच की जा रही है। साथ ही आरोपी का ब्लड सैंपल किसके ब्लड सैंपल से बदला गया, यह भी पता लगाया जा रहा है। जुवेनाइल बोर्ड मेंबर्स के खिलाफ जांच के आदेश


महाराष्ट्र सरकार ने नाबालिग आरोपी को जमानत देने वाले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के तीन सदस्यों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है, जो यह जांच करेगी कि बोर्ड मेंबर्स ने जमानत देते समय तय नियमों का पालन किया या नहीं। समिति को एक हफ्ते में रिपोर्ट देनी होगी। बोर्ड ने आरोपी को निबंध लिखने को कहा था एक्सीडेंट के बाद पुणे पुलिस ने आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया था। बोर्ड ने आरोपी को 7 मामूली शर्तों पर जमानत दे दी थी। बोर्ड ने आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने और शराब छोड़ने के लिए काउंसिलिंग लेने को कहा था। बोर्ड के फैसले के खिलाफ पुणे पुलिस सेशन कोर्ट पहुंची।

पुलिस का कहना था नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उसका अपराध गंभीर है। सेशन कोर्ट ने पुलिस को बोर्ड में रिव्यू पिटिशन देने को कहा। 22 मई को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को फिर से तलब किया और उसे 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया। इस मामले में नाबालिग के पिता, दादा, नाबालिग आरोपी की मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर्स और उसे शराब परोसने वाले दो पब के मालिक-मैनेजर सहित 10 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया था।

पुणे कार हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… नाबालिग का बर्थडे गिफ्ट थी लग्जरी कार: दादा ने फोटो शेयर की थी; मां ने ड्राइवर से इल्जाम लेने को कहा था पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने ही उसे पोर्श कार जन्मदिन पर गिफ्ट की थी। सुरेंद्र अग्रवाल के दोस्त अमन वाधवा ने बताया कि 2 महीने पहले सुरेंद्र ने वॉट्सऐप ग्रुप में पोर्श कार की तस्वीर शेयर की थी। साथ में लिखा था- यह कार पोते को बर्थडे गिफ्ट में दी है। पूरी खबर पढ़ें…

पुणे पोर्श केस- आरोपी के दादा का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन:भाई से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद में छोटा राजन से मदद मांगी थी पुणे में शराब के नशे में पोर्श कार चलाकर दो इंजीनियर्स की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल का अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन निकला है। बताया जा रहा है कि 2021 में सुरेंद्र ने अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ प्रॉपर्टी को लेकर विवाद निपटाने के लिए छोटा राजन से मदद मांगी थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसकी भी जांच होगी। पूरी खबर पढ़ें…

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