11 साल की उम्र में घर छोड़ा, चमकी किस्मत और बने 90 के दशक के पॉप सुपरस्टार, फिर झूठे केस ने पहुंचाया जेल
दलेर मेहंदी, जिनकी आवाज़ ने 90 के दशक में हर दिल में जगह बना ली थी, एक समय झूठे केस में फंसने के बाद जेल की सलाखों के पीछे भी रहे।
90 के दशक के सुपरस्टार बने मशहूर पॉप गायक दलेर मेहंदी की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया, जहां उन्हें जेल की फर्श पर सोना पड़ा। 11 साल की उम्र में घर छोड़ने वाले दलेर मेहंदी ने बचपन से ही संगीत की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने 5 साल की उम्र से ही गाना सीखना शुरू कर दिया था और गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से संगीत की शिक्षा ली। 13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार स्टेज पर परफॉर्म करके सबका दिल जीत लिया था।
दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 को पटना, बिहार में हुआ था। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। दलेर एक गायक के साथ ही लेखक और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं। उनका गाना ‘ता रा रा रा’ लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ और इस गाने के बाद वह स्टार बन गए। उन्होंने पंजाबी और बॉलीवुड संगीत उद्योग में भी कई हिट गाने दिए हैं।
दलेर मेहंदी ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘मृत्युदाता’ से की थी। इस फिल्म में उन्होंने ‘ना ना ना रे’ गाना गाया था, जो बहुत हिट हुआ। इस गाने को खुद दलेर मेहंदी ने कंपोज भी किया था। इसके बाद उनका गाना ‘रब रब’ भी सुपरहिट हुआ और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष पॉप सिंगर का अवॉर्ड मिला।
हालांकि, सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद उनकी जिंदगी में एक बुरा दौर भी आया। 2003 में उनका और उनके भाई शमशेर सिंह का नाम कबूतरबाजी के केस में आया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने शो के लिए जाते समय 10 लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाया। इस मामले में उन्हें 2 साल की जेल हुई, जहां उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ और उन्हें जेल की फर्श पर सोना पड़ा। दलेर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यह उनका सबसे खराब दौर था और उन्हें झूठे केस में फंसाया गया था।